अफस्पा कानून क्या है ?
अफस्पा कानून क्या है ?
चर्चा में क्यों है ?
अभी हाल मणिपुर में यह लगाया गया है।
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) एक संसदीय अधिनियम है जो भारतीय सशस्त्र बलों और राज्य और अर्धसैनिक बलों को "अशांत क्षेत्रों" के रूप में वर्गीकृत क्षेत्रों में विशेष शक्तियां प्रदान करता है। AFSPA अधिनियम को लागू करने का उद्देश्य अशांत क्षेत्रों में कानून व्यवस्था बनाए रखना है।
AFSPA तब लागू किया जाता है जब आतंकवाद या विद्रोह का मामला होता है और भारत की क्षेत्रीय अखंडता खतरे में होती है। सुरक्षा बल किसी व्यक्ति को "उचित संदेह" के आधार पर या जिसने "संज्ञेय अपराध" किया है या करने वाला है,बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। यह सुरक्षा बलों को अशांत क्षेत्रों में उनके कार्यों के लिए कानूनी छूट भी प्रदान करता है।
AFSPA के तहत सुरक्षा बलों को निम्नलिखित विशेष शक्तियां प्रदान की जाती हैं:
* बिना वारंट के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति
* बिना वारंट के किसी परिसर में प्रवेश करने और तलाशी लेने की शक्ति
* बिना वारंट के किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने की शक्ति
* बिना वारंट के किसी व्यक्ति को गोली मारने की शक्ति, यदि वह उचित संदेह के आधार पर यह मानता है कि ऐसा करना आवश्यक है।
AFSPA एक विवादास्पद कानून है। इस कानून की आलोचना करने वाले लोग कहते हैं कि यह मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है और सुरक्षा बलों को अनियंत्रित शक्तियां प्रदान करता है। इस कानून के समर्थन में कहा जाता है कि यह आतंकवाद और विद्रोह के खिलाफ लड़ने के लिए आवश्यक है।
वर्तमान में, AFSPA निम्नलिखित राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में लागू है:
* अरुणाचल प्रदेश
* असम
* मणिपुर
* मेघालय
* मिजोरम
* नागालैंड
* जम्मू और कश्मीर
AFSPA को कई बार हटाने की मांग उठी है, लेकिन सरकार ने अभी तक इस मांग को स्वीकार नहीं किया है।
अफस्पा कानून के तहत सुरक्षा बलों द्वारा किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघन के कई मामले सामने आए हैं। इनमें फर्जी मुठभेड़ें, अनधिकृत गोलीबारी और यातनाएं शामिल हैं ।
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