गणेश उत्सव
गणेश उत्सव की शुरुआत भारत में 19वीं शताब्दी में महाराष्ट्र के लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने की थी। तिलक एक प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे। उन्होंने गणेश उत्सव को एक सार्वजनिक त्योहार के रूप में लोकप्रिय बनाया ताकि लोगों को एकजुट किया जा सके और उन्हें ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया जा सके।
तिलक ने गणेश उत्सव को एक राजनीतिक और सांस्कृतिक आंदोलन के रूप में देखा। उन्होंने भगवान गणेश को एक राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में देखा और उन्हें एक ऐसे देवता के रूप में देखा जो सभी जाति, धर्म और वर्ग के लोगों को एकजुट कर सकता है।
तिलक के प्रयासों से, गणेश उत्सव पूरे भारत में एक लोकप्रिय त्योहार बन गया। यह एक ऐसा त्योहार है जो हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
गणेश उत्सव की शुरुआत के बारे में कुछ अन्य सिद्धांत भी हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह त्योहार प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है, जबकि अन्य का मानना है कि यह एक मध्ययुगीन त्योहार है। हालांकि, तिलक के प्रयासों से गणेश उत्सव को एक बड़े पैमाने पर त्योहार के रूप में लोकप्रिय बनाया गया।
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