मानसून की वापसी


मानसून की वापसी




चर्चा में क्यों है ?

भारत में मानसून की वापसी सितम्बर से दिसंबर तक होती है भारत में इस समय मानसून वापसी का समय है।  

मानसून की वापसी भारत में एक महत्वपूर्ण मौसम घटना है जो मानसून के मौसम के अंत को चिह्नित करती है। मानसून की वापसी आमतौर पर सितंबर के मध्य से अक्टूबर के मध्य तक होती है। इस दौरान, दक्षिण-पश्चिम मानसून हवाएं उत्तरी भारत से हटने लगती हैं और पूर्वोत्तर मानसून हवाएं भूमि की ओर बहने लगती हैं।

मानसून की वापसी का कारण भारत और अरब सागर के बीच दबाव प्रवणता में परिवर्तन है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान, भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में एक निम्न दबाव क्षेत्र नमी से लदे अरब सागर से हवाओं को आकर्षित करता है। ये हवाएं क्षेत्र में भारी बारिश लाती हैं। हालांकि, शरद ऋतु के मौसम के करीब आने पर, दबाव प्रवणता कमजोर हो जाती है, और दक्षिण-पश्चिम मानसून हवाएं पीछे हटने लगती हैं।

मानसून की वापसी एक धीमी प्रक्रिया है, और वापसी की समय सीमा और अवधि हर साल अलग-अलग होती है। आम तौर पर, वापसी भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में शुरू होती है और दक्षिण-पूर्व की ओर बढ़ती है। भारत के सबसे दक्षिणी हिस्से, जैसे केरल और तमिलनाडु, आमतौर पर सर्दियों के महीनों में पूर्वोत्तर मानसून से बारिश प्राप्त करते हैं।

मानसून की वापसी भारत की जलवायु और कृषि पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून हवाओं का पीछे हटना क्षेत्र में ठंडे तापमान और कम बारिश लाता है। यह कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति पैदा कर सकता है। हालांकि, मानसून की वापसी फसलों की कटाई की अनुमति भी देती है जिन्हें दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान लगाया गया था।

यहां मानसून की वापसी के मौसम की कुछ प्रमुख विशेषताएं दी गई हैं:

* मानसून बारिश कम होने लगती है, और हवाएं दिशा बदलने लगती हैं।

* आसमान साफ हो जाता है, और आर्द्रता का स्तर गिर जाता है।

* तापमान ठंडा होने लगता है, खासकर भारत के उत्तरी हिस्सों में।

* पूर्वोत्तर मानसून हवाएं भारत के पूर्वी तटीय क्षेत्रों की ओर बहने लगती हैं और बारिश लाती हैं।

मानसून की वापसी भारत की वार्षिक जलवायु चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह परिवर्तन का समय है, क्योंकि क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम से सर्दियों के मानसून के मौसम में संक्रमण करता है। मानसून की वापसी क्षेत्र की जलवायु, कृषि और अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है।

 2023 में, मानसून की वापसी सितंबर के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि वापसी की समय सीमा और अवधि पिछले कुछ वर्षों की तुलना में सामान्य होगी। हालांकि, IMD ने चेतावनी दी है कि कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति पैदा हो सकती है।



 

 

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